A Secret Weapon For Shiv chaisa
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि